कोलकाता। पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले के विरोध में शुक्रवार को भी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रही हैं। जूनियर डॉक्टरों ने इस मामले में हड़ताल का आज 15वां दिन मनाया और कामकाज ठप रखा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील के बावजूद, हड़ताली डॉक्टरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर ने कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया, “हम यहां किसी अन्य कारण से नहीं हैं।” गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों से अपील की कि वे काम पर वापस लौटें, चेतावनी देते हुए कि देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ रहा है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि देशभर के डॉक्टरों के लिए एक सुरक्षा तंत्र विकसित किया जाए और हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचा जाए।
सर्वोच्च अदालत की तीन जजों की पीठ ने यह भी कहा कि न्यायाधीश और डॉक्टर दोनों ही हड़ताल नहीं कर सकते क्योंकि उनकी जिम्मेदारियाँ जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी होती हैं। इस मामले में, आरोपी संजय रॉय और संदीप घोष समेत कई डॉक्टरों के पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति मिल चुकी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या की गहन जांच कर रही है।