बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष गोपालदास वर्मा ने हाल ही में प्रदेश कांग्रेस सरकार की आलोचना की, आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार अब तक कर्मचारियों और पेंशनर्स को लंबित एरियर और चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं कर पाई है। 15 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा महंगाई भत्ते की घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन इस बार कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी।
वर्मा ने शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने 28 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भी कर्मचारियों और पेंशनर्स की देनदारियों को पूरा नहीं किया है। इसके बजाय, सरकार मंत्रियों के कार्यालयों की मरम्मत, आवासों की साज-सज्जा, और अन्य नियुक्तियों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जिससे आम जनता में गहरा रोष व्याप्त है।
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री द्वारा हाल ही में दिए गए बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि मंत्री को कर्मचारियों की एकजुटता की सही समझ नहीं है। वर्मा ने सलाह दी कि उन्हें कर्मचारी राजनीति के इतिहास पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस सरकार ने जल्द ही कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो कर्मचारियों और पेंशनर्स को आंदोलन की ओर जाने से कोई रोक नहीं सकेगा।